उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या की चर्चा पूरे देश में है। जिस तरह से इस घटनाक्रम को अंजाम दिया गया, उस बर्बरता के खिलाफ गुस्सा है। पूरा मामला साम्प्रदायिक है, क्योंकि कन्हैयालाल ने नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन किया था और उसके बदले में रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद ने पहले धमकी दी और अब हत्या कर दी। दोनों आरोपियों को वारदात के कुछ घंटों बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था। पूरे राजस्थान में धारा 144 है। उदयपुर और आसपास के जिलों में इंटरनेट बंद है। उदयपुर के 7 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू है। केंद्र सरकार ने एनआईए को जांच सौप दी है।
इससे पहले सुबह कन्हैयालाल का पोस्टमार्टम किया। अंतिम संस्कार किया जा रहा है। अंतिम यात्रा में 'कन्हैयालाल अमर रहे' के नारे लगे। लोगों में प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ गुस्सा नजर आया। इससे पहले अंतिम संस्कार को लेकर पुलिस और परिजन के बीच विवाद हुआ। पुलिस का कहना था कि अंतिम संस्कार घर के पास ही कर दिया जाए, जबकि परिवार और समाज के लोग श्मशान में अंतिम संस्कार की मांग पर अड़ गए। बाद में पुलिस ने श्मशान घाट पर अंत्येष्टि की मंजूरी दे दी।
इस बीच, सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद का संबंध 'दावत-ए-इस्लामी' नाम के संगठन से रहा है। अब इस संगठन के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। हत्या के बाद दोनों आरोपी अजमेर दरगाह जियारत के लिए जाने वाले थे।
उदयपुर में सुबह शांति है। इस बीच पुलिस की ओर से आज सुबह का वीडियो जारी किया गया है। वहीं उदयपुर संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने बताया है कि कन्हैया लाल के परिजनों को 31 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा दिया जाएगा। तनाव को देखते हुए पुलिस ने कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट सेवाए बंद कर दी गई है। इस कारण ताजा स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। पुलिस के आला अधिकारी तैनात है। आज सभी की नजर एनआईए टीम पर है, जो जांच के लिए मौके पर पहुंचेगी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कन्हैया लाल पर 26 वार, 10 वार तो गर्दन पर किए-उदयपुर में कन्हैयालाल की बर्बर हत्या के खिलाफ पूरे देश में गुस्सा है। बुधवार सुबह कन्हैयालाल का पोस्टमार्टम किया गया और उसके बाद भारी सुरक्षा के बीच अंतिम यात्रा निकाली गई। कन्हैयालाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पता चला है कि गौस मोहम्मद और रियाज अहमद ने मिलकर कन्हैयालाल के शरीर पर तेज चाकू से 26 वार किए। इनमें से 10 वार तो गर्दन के पास थे। साफ है गौस मोहम्मद और रियाज अहमद पूरी तैयारी से आए थे और उन्होंने कन्हैयालाल पर तब तक वार किए जब तक कि उनकी मौत नहीं हो गई। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने जो वीडियो जारी किया, उसमें सर तन से जुदा का जिक्र किया और वो ऐसा करने में कामयाब भी रहे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादा खून बहने से कन्हैयालाल की मौत हुई। पूरे मामले में उदयपुर पुलिस और प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार निशाने पर है। लोगों का साफ कहना है कि कन्हैयालाल ने पुलिस को पहले ही खतरे के बारे में बता दिया था
हो गया था समझौता, फिर भी कर दी हत्या: जानकारी के मुताबिक, नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन करने वाली डीपी लगाने के बाद से कन्हैयालाल को धमकियां मिल रही थीं। इसके बाद कन्हैयालाल ने कुछ दिन अपनी दुकान बंद रखी। पुलिस के पास भी गया। यहां तक कि रियाज अख्तरी के साथ समझौता भी कर लिया था। बकायदा कागज पर लिखकर दोनों ने साइन किए थे, लेकिन रियाज ने साथी गौस के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दे दिया। Posted By: VILAS TIWARI
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